ये इश्क़ है जनाब इसे हम और आप कब समझा पायें हैं। ये इश्क़ है जनाब इसे हम और आप कब समझा पायें हैं।
महबूब से मुलाकात पर अब अज़ल नहीं लिखते। महबूब से मुलाकात पर अब अज़ल नहीं लिखते।
अर्सों बाद इक बात आयी है ज़ेहन में ज़रा पास आना कुछ बात करनी है। अर्सों बाद इक बात आयी है ज़ेहन में ज़रा पास आना कुछ बात करनी है।
बात पते की याद ये रखना अब पशुता इंसान दिखलायेंगे। बात पते की याद ये रखना अब पशुता इंसान दिखलायेंगे।
प्यार अब भी करते हैं तुमसे यह ये बात तुम्हें बतानी है! प्यार अब भी करते हैं तुमसे यह ये बात तुम्हें बतानी है!
कहानी जो आज भी जीवंत है कहानी जो आज भी जीवंत है